खेती-किसानी

मटर की इन टॉप 10 उन्नत किस्मों से मिलेगा 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन..

यदि आप मटर की खेती (Top 10 Improved Pea Varieties) करना चाहते है, और चाहते अच्छी उपज मिले, तो इन किस्मों के बारे में जानें.

Top 10 Improved Pea Varieties | मटर रबी सीजन की महत्वपूर्ण फसल है, जो खाई जानें सब्जी में से एक है। मटर को मुख्य रूप से आलू, टमाटर और फूलगोभी और पत्तागोभी के साथ खाया जाता है और कई किसान साथी इसकी खेती भी करना पसंद करते हैं, लेकिन उनको एक मटर की अच्छी किस्म का चयन करने में पर परेशानी आ सकती है। तो इसलिए आज हम चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से मटर की उन्नत किस्मों (Top 10 Improved Pea Varieties) की जानकारी साझा करेंगे…

मटर की उन्नत किस्में (Top 10 Improved Pea Varieties)

मटर की उन्नत किस्मों में विवेक मटर 6, विवेक मटर 8, आर्केल, पंत सब्जी मटर 3, जवाहर मटर 1, जवाहर मटर 2, मिटीओर, अर्ली बैजर, असौजी, बोनविले, आजाद मटर 1, पंत उपहार, आदि उन्नत किस्में (Top 10 Improved Pea Varieties) आती हैं.

1. विवेक मटर 6 

विवेक मटर 6 को पंत उपहार और वी एल मटर 3 के संकरण से तैयार किया गया है। इसे मैदानी भाग में बोने पर 75 से 80 दिन में फलियां मिलने लगती हैं. तो वहीं दूसरी तरफ यदि आप आप इस प्रजाति को पहाड़ी इलाकों में बोते हैं तो इससे फलियां मिलने में करीब 135 से 140 दिनों का समय लगता है। इस किस्म की फलियां करीब 6 से 7 सेमी लंबाई होती हैं जिनमें आमतौर पर 6 दाने पाए जाते हैं। इस प्रजाति को हम मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक बो सकते हैं। (Top 10 Improved Pea Varieties)

2. आर्केल

आर्केल एक मटर (Top 10 Improved Pea Varieties) की यूरोपियन किस्म है. इसके दाने मीठे होते हैं यह मटर की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है। इसकी फलियों को बुवाई के करीब 60 से 65 दिन बाद तोड़ना शुरू कर सकते हैं। इसकी फलियां 8 से 10 सेमी लंबी तलवार के आकार की होती हैं। जिसकी हर एक फली में लगभग 5 से 6 दाने होते हैं और हरी फलियों की उपज लगभग 70 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

3. मिटीओर

यह भी मटर की एक अगेती किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) है, इसकी फलियों को हम बुवाई के करीब 65 से 70 दिनों बाद तोड़ना शुरू कर सकते हैं। इसके दाने मीठे और गोलाकार होते हैं। इसकी फलियां करीब 5 से 6 सेमी लंबाई की होती हैं हर एक फली में लगभग 5 से 6 दाने होते हैं। हरी फलियों की औसत उपज करीब 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल जाती है।

4. अर्ली बैजर(Top 10 Improved Pea Varieties)

यह किस्म एक विदेशी किस्म है, क्योंकि इस किस्म का विकास यूएसए में हुआ था। यह भी मटर की अगेती उन्नत किस्मों में जोड़ी जाती है। बुवाई के लगभग 65 से 70 दिनों बाद इसकी फलियां तोड़ने लायक हो जाती हैं। इस किस्म की फलियां कसी हुई होती हैं, क्योंकि इनकी फलियों में दाने कसकर भरे हुए होते हैं. फलियां हल्के हरे रंग की होती हैं, जिनकी लंबाई करीब 7 सेमी होती है। दाने आकार में बड़े और स्वाद में मीठे होते हैं। हरी फलियों की औसत उपज लगभग 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। (Top 10 Improved Pea Varieties)

5. लिंकन

मटर की इस किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) को पहाड़ी क्षेत्रों में उगाने के लिए तैयार किया गया है। मटर की इस किस्म के पौधे देरी से पैदावार देने के लिए जाने जाते हैं। इसके पौधों की पहली तुड़ाई बीज रोपाई के लगभग 80 से 90 दिन बाद की जाती है। इस किस्म के पौधों पर लगने वाली फलियों का रंग गहरा हरा और लम्बाई अधिक पाई जाती है। इसकी फलियाँ सिरे पर से हल्की मुड़ी हुई होती है। जिनमें 8 से 10 दानो की संख्या पाई जाती है। इसके( Top 10 Improved Pea Varieties) दाने स्वाद में काफी मीठे होते हैं।

5. आजाद मटर 3

मटर की इस किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) को कानपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है। इस किस्म के पौधे सामान्य लम्बाई के पाए जाते हैं। जबकि इसकी पत्तियों का आकार बड़ा होता है। इस किस्म के पौधे बीज रोपाई के लगभग 65 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार (Top 10 Improved Pea Varieties) हो जाते हैं। इस किस्म के पौधे की फलियों की लम्बाई ज्यादा पाई जाती है। इसकी एक फली में 8 से 11 तक की संख्या में मटर के दाने पाए जाते हैं।

6. जवाहर मटर

मटर की इस क़िस्म(Top 10 Improved Pea Varieties) को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर ने तैयार किया है। इस किस्म के पौधे झाड़ीदार दिखाई देते हैं। जिनकी ऊंचाई दो से ढाई फिट तक पाई जाती है। इस किस्म के पौधे बीज रोपाई के लगभग 65 से 70 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इस किस्म के पौधों की फलियों की लम्बाई 8 सेंटीमीटर के आसपास पाई जाती है। इसके दाने फलियों में ठोस रूप में भरे होते हैं। इस किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) के पौधों का प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 12 टन के आसपास पाया जाता है।

7. टी 9

टी 9 मटर की मध्यम समय( Top 10 Improved Pea Varieties) में पैदावार देने वाली किस्म है। इस किस्म के पौधे की पहली तुड़ाई बीज रोपाई के लगभग 60 दिन बाद की जाती है। जबकि इसकी फसल 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म के पौधों पर सफ़ेद फूल खिलते है और इसकी फलियों का रंग हरा चमकीला पाया जाता है। इसके पौधों से हरी फलियों की प्रति हेक्टेयर औसतन पैदावार 10 टन के आसपास पाई जाती है।

8. एन पी 29 (Top 10 Improved Pea Varieties) 

मटर की इस किस्म को अगेती पैदावार लेने के लिए तैयार किया गया है। इस किस्म के पौधे 115 दिन के आसपास पककर तैयार हो जाते हैं। इस किस्म के पौधों पर कई तरह के जीवाणु जनित रोग देखने को कम मिलते है। इस किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) के पौधे से हरी फली के रूप में पहली पैदावार बीज रोपाई के लगभग 70 दिन बाद मिलती है। जिनका प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 10 से 12 टन के आसपास पाया जाता है। इस किस्म के दाने पकने के बाद झुर्रीदार दिखाई देते हैं।

9. अर्ली दिसंबर

मटर की ये एक संकर किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) है, जिसको टा. 21 और अर्ली बैजर के संकरण से तैयार किया गया है। मटर की इस किस्म को अगेती पैदावार लेने के लिए उगाया जाता है। इस किस्म के पौधे रोपाई के लगभग 55 से 60 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इस किस्म( Top 10 Improved Pea Varieties) के पौधे की फलियों का रंग गहरा हरा और लम्बाई 7 सेंटीमीटर के आसपास पाई जाती है। जिनका प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 7 से 10 टन के बीच पाया जाता है। इस किस्म के पौधों पर मृदा जनित रोगों का प्रभाव कम देखने को मिलता है।

10. काशी अगेती

इस किस्म (Top 10 Improved Pea Varieties) के पौधे मध्यम समय में पैदावार देने के लिए जाने जाते हैं। इसके पौधों की लम्बाई दो फिट के आसपास पाई जाती है। इस किस्म के पौधे पर लगने वाली फलियाँ सीधी और गहरी पाई जाती हैं। जिनकी पौधों से पहली तुड़ाई बीज रोपाई के लगभग 50 दिन बाद की जाती है। जिनका प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 10 टन के आसपास पाया जाता है। इस किस्म के पौधों पर जीवाणु जनित रोगों का प्रभाव कम पाया जाता है। (Top 10 Improved Pea Varieties)

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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