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जून माह में इन टॉप 10 सब्जियों की खेती से कम समय में मिलेगा दोगुना लाभ

Top 10 Vegetable Cultivation: जानें, कौन सी है वह टॉप 10 सब्जियां जिनसे होगी अच्छी कमाई

Top 10 Vegetable Cultivation | किसान सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सब्जियों की खेती करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये कम समय में तैयार हो जाती है और इनका बाजार भाव भी अच्छा मिल जाता है। खरीफ व रबी सीजन के बीच जब खेत खाली रहते हैं तब किसान सब्जियों की खेती करके अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। ऐसे में यदि किसान साथी लेख में दी गई टॉप 10 सब्जियों की खेती करता है तो वह अच्छा मुनाफा कमा सकता है।

1. गिलकी की खेती (cultivation of gilki)

Top 10 Vegetable Cultivation गिलकी में आयरन, पोटेशियम और विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है। इसका सेवन सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है। गिलकी की खेती खरीफ और जायद दोनों सीजन में की जा सकती है। इसकी खेती जीवांशयुक्त सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन खेत में अच्छे जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।

हालांकि इसकी अच्छी पैदावार के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्‌टी अच्छी मानी जाती है। मिट्‌टी का पीएच मान 6-7 के बीच होना चाहिए। इसकी आलोक और वाणी किस्में काफी अच्छी हैं। लेकिन किसानों को अपने क्षेत्र के हिसाब से किस्म का चयन करना चाहिए। इसके भी बाजार में अच्छे भाव मिल जाते हैं। आमतौर पर इसका बाजार भाव 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम तक मिल जाता है।

2. करेला की खेती (Bitter Gourd Cultivation)

करेला की खेती Top 10 Vegetable Cultivation करके किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। करेले की फसल 55 से 60 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है और इसके भाव भी अच्छे मिल जाते हैं। शुगर और डायबिटीज के मरीजों के लिए तो इसका सेवन काफी लाभकारी माना जाता है।

करेले की सब्जी के अलावा इसका रस का भी सेवन किया जाता है। यदि आप करेले की खेती करते हैं तो आपको इसकी उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए। करेले की हाइब्रिड किस्म से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। इसके अलावा इसकी कई उन्नत किस्में भी अच्छा उत्पादन देती है। इसकी हाइब्रिड किस्मों में पूसा हाइब्रिड-1 और पूसा हाइब्रिड-2 काफी अच्छी किस्में मानी गई हैं जो अधिक पैदावार देती हैं।

ये किस्में 55 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है। करेले की इन हाइब्रिड किस्मों Top 10 Vegetable Cultivation से 70 से लेकर 80 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार प्राप्त की जा सकती है। आमतौर पर बाजार में करेले का भाव 20 से लेकर 30 रुपए किलोग्राम तक होता है। यदि एक एकड़ में इसकी खेती की जाए तो करीब 40,000 रुपए का खर्च आता है और मार्केटिंग अच्छी हो तो इससे डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।

3. लौकी की खेती (Gourd Cultivation)

लौकी की खेती Top 10 Vegetable Cultivation भी किसानों के लिए लाभकारी है। लौकी एक ऐसी सब्जी है जिससे सब्जी के अलावा भी बहुत से चीजें बनाई जाती है जिसमें लौकी का हलवा, लौकी का रायता, लौकी कबाब आदि कई डिश इससे बनाई जाती है। बीमारी में डॉक्टर अक्सर लौकी की सब्जी खाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये सबसे जल्दी डायजेस्ट हो जाती है। इसकी कई किस्में हैं जिनमें अर्का नूतन, अर्का श्रेयस, पूसा संतुष्टि, पूसा संदेश, अर्का गंगा, अर्का बहार आदि किस्में अच्छी हैं। लौकी फसल 50 से 55 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी औसत उपज 32 से 58 टन प्रति हैक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है।

4. तोरई की खेती (Cultivation of Zucchini)

तोरई की खेती Top 10 Vegetable Cultivation साल में दो बार की जा सकती है। ग्रीष्म ऋतु में इसे जायद फसल कहा जाता है तथा खरीफ सीजन में भी इसे उगाया जाता है। इस तरह साल में दो बार इसकी खेती की जा सकती है। लेकिन बारिश के समय इसकी खेती काफी अच्छी मानी जाती है। कच्ची तोरई की सब्जी बनाई जाती है जो सेहत के लिए काफी अच्छी होती है।

वहीं इसके सूखे बीजों Top 10 Vegetable Cultivation से तेल निकाला जाता है। इसकी खेती के लिए दोमट मिट्‌टी अच्छी मानी जाती है। इसकी पूसा चिकनी, पूसा स्नेहा, पूसा सुप्रिया, काशी दिव्या, कल्याणपुर चिकनी आदि अच्छी किस्में हैं। तोरई के बीजों की रोपाई के 70 से 80 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है। इसकी उन्नत किस्मों से 100 से 150 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक पैदावार प्राप्त होती है।

5. सेम की खेती (Bean Farming)

सेम की खेती Top 10 Vegetable Cultivation के लिए दोमट, चिकनी व रेतीली मिट्‌टी अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती के लिए भूमि में जल निकास की उचित व्यवस्था होना जरूरी है। क्षारीय व अम्लीय भूमि इसकी खेती के लिए अच्छी नहीं होती है। इसकी उन्नत किस्मों में पूसा अर्ली, काशी हरितमा, काशी खुशहाल (वी.आर. सेम-3), बी.आर. सेम-11, पूसा सेम-2, पूसा सेम-3, जवाहर सेम-53, जवाहर सेम-79 आदि अच्छी किस्में हैं। इसकी उन्नत किस्मों से प्रति हैक्टेयर करीब 100 से 150 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

6. मेथी की खेती (Cultivation of Fenugreek)

मेथी की सब्जी और दाना मेथी का प्रयोग मसाले Top 10 Vegetable Cultivation में किया जाता है। इसकी खेती हरे रूप में पत्तों के लिए और सूखे रूप में इसके दानों के लिए की जाती है। हरी मेथी की सब्जी बनाई जाती है, जबकि दानों का उपयोग मसाले के तौर पर किया जाता है। मेथी की उन्नत किस्मों में कसूरी मेथी, पूसा अर्ली बंचिंग, यूएम 112, कश्मीरी, हिसार सुवर्णा आदि हैं।

इसकी फसल 20 से 25 दिन में पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है। वहीं बीज प्राप्त करने के लिए इसकी कटाई बिजाई के 90 से 100 दिन बाद करनी चाहिए। यदि इसकी एक बार कटाई के बाद बीज लिया जाए तो इसकी औसत पैदावार 6-8 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है। वहीं 4-5 कटाइयां होने पर पैदावार घटकर करीब 1 क्विंटल तक रह जाती है। वहीं भाजी या हरी पत्तियों की पैदावार करीब 70 से 80 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक होती है।

7. पालक की खेती (Spinach Farming)

पालक की खेती Top 10 Vegetable Cultivation कम खर्च में अधिक कमाई देने वाली सब्जी है। यह कम समय में तैयार हो जाती है। पालक की फसल बुवाई के 25 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। करीब 10-15 दिन बाद यह दुबारा कटाई के लायक हो जाती है। इसकी 5 से 6 कटाई करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसकी खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली हल्की दोमट मिट्‌टी सबसे अच्छी रहती है। पालक की कई उन्नत किस्में हैं जिनमें जोबनेर ग्रीन, पूसा पालक, पूसा ज्योति, पूसा हरित, लांग स्टैंडिग, पंत कंपोजिटी आदि किस्में काफी अच्छी है। इसकी उन्नत किस्मों से प्रति हैक्टेयर 150 से लेकर 250 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है।

8. धनिया की खेती (Cultivation of Coriander)

धनिया की खेती Top 10 Vegetable Cultivation गर्मी के मौसम में की जा सकती है। इसकी खेती से करीब प्रति बीघा 90 हजार रुपए की कमाई की जा सकती है। गर्मियों में हरे धनिये का भाव काफी बढ़ जाता है। आम तौर पर बाजार में धनिये का भाव 25 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम होता है। मौसम और बाजार की मांग के हिसाब से इसकी खेती लाभकारी होती है।

धनिये की उन्नत किस्मों में हिसार सुगंध, पंत हरितमा, कुंभराज, आरसीआर 41, आरसीआर 435, आरसीआर 436, आरसीआर 446, आरसीआर 480, एसीआर 1 आदि शामिल हैं। उन्नत किस्म का उपयोग करके किसान सिंचित क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीक से खेती करके प्रति हैक्टेयर 15-18 क्विंटल बीज और 100-125 क्विंटल पत्तियों की उपज प्राप्त कर सकता है। असिंचित दशा में इसकी 5-7 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक उपज प्राप्त होती है।

9. भिंडी की खेती (Okra Farming)

भिंडी की खेती Top 10 Vegetable Cultivation करके भी बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है, क्योंकि भिंडी के भाव भी बाजार में ज्यादा कम नहीं होते हैं। भिंडी की कई उन्नत किस्में काफी अच्छा उत्पादन देती है जिसमें काशी अगेती, काशी सृष्टि (VROH-12) F1 हाइ्ब्रिड, काशी लालिमा (VROR-157), काशी चमन वीआरओ-109, काशी वरदान, शीतला ज्योति, शीतला उपहार, काशी सतधारी, काशी विभूति आदि उन्नत किस्में हैं।

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10. खीरा की खेती (Cultivation of Cucumber)

खीरे की मांग गर्मियों के मौसम में बहुत अधिक Top 10 Vegetable Cultivation होती है। इसके सेवन से शरीर में पानी की पूर्ति होती है। खीरे को कच्चा और इसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है। अधिकांश लोग इसे सलाद के रूप में खाना पसंद करते हैं। बाजार में खीरे की मांग काफी रहती है और इसका दाम भी अच्छा मिलता है। खीरा की खेती करके किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

इसकी उन्नत किस्मों Top 10 Vegetable Cultivation में स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90 आदि भारतीय किस्में हैं। इसकी नवीनतम किस्मों में पीसीयूएच-1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल आदि अच्छी किस्में हैं। इसकी संकर किस्मों में पंत संकर खीरा-1, हाइब्रिड-1 और हाइब्रिड-2 आदि प्रमुख किस्में शामिल हैं।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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