Ujjain ; फर्जी तरीके से ट्रैक्टर पर लोन ; बैंक मैनेजर, किसान, ट्रैक्टर एजेंसी संचालक सहित 6 को सजा, जानें पूरा मामला
फर्जी दस्तावेज लगाकर लोन लेने के मामले में कोर्ट ने 18 साल बाद फैसला सुनाते हुए 6 लोगों को सजा (Ujjain Fake loan on tractor) सुनाई है यह है पूरा मामला
Ujjain Fake loan on tractor | मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक फर्जी लोन के मामले में कोर्ट ने 18 साल बाद फैसला सुनाया है। इस मामले को लेकर कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोन के दोषी पाए जाने पर बैंक मैनेजर, फील्ड ऑफिसर और किसान सहित छह लोगों को सजा सुनाई है। जानिए पूरा मामला
18 साल बाद फैसला आया
फर्जी दस्तावेज (Ujjain Fake loan on tractor) पर लोन लेने के प्रकरण में 18 साल बाद बैंक मैनेजर, बैंक के फील्ड ऑफिसर, किसान और ट्रैक्टर एजेंसी संचालक को न्यायालय ने कारावास की सजा सुनाई है। खाचरोद अपर सत्र न्यायाधीश शोएब खान ने यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने तीन दोषियों को 3-3 साल और तीन दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, 30 नवंबर 2004 में गांव माल्या के किसान (Ujjain Fake loan on tractor) भेरा पिता लक्ष्मण के फर्जी दस्तावेज बनाकर गांव के ही अन्य किसान ने स्टेट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खाचरोद से ट्रैक्टर के नाम पर 4 लाख 30 हजार रुपए का लोन लिया।बाद में ट्रैक्टर उत्तर प्रदेश में बेच दिया। जब यह बात किसान भेरा को पता चली, तो उसने खाचरोद थाने में 16 मई 2005 को प्रकरण दर्ज कराया।
पुलिस ने किसान की रिपोर्ट पर उसी गांव के निवासी (Ujjain Fake loan on tractor) मांगू उर्फ मांगीलाल पिता भेरु उसका बेटा बालू उर्फ बालाराम, धन्ना लाल पिता पूराजी, राम सिंह पिता गोपाल सिंह निवासी गांव कुंडीखेड़ा ट्रैक्टर एजेंसी संचालक उज्जैन निवासी लाखन पिता रामचंद्र गोयल, बैंक शाखा प्रबंधक उज्जैन निवासी हीरालाल पिता धन्ना लाल यादव, फील्ड ऑफिसर कस्तूरबा नगर रतलाम निवासी सुंदर लाल पिता मोहनलाल पालीवाल पर प्रकरण दर्ज किया।
इन्हें मिली सजा
इस प्रकरण में न्यायधीश (Ujjain Fake loan on tractor) ने शाखा प्रबंधक हीरालाल, फील्ड ऑफिसर सुंदरलाल, ग्रामीण बालू उर्फ बालाराम को दोषी मानकर 3-3 साल का कारावास तथा 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया। ट्रैक्टर एजेंसी संचालक लाखन, किसान मांगू उर्फ मांगीलाल, राम सिंह को सभी धारा में दोषी मानते हुए 7-7 साल की सजा तथा प्रत्येक धाराओं में 5-5 हजार रुपए जुर्माना। इस मांग से प्रत्येक व्यक्ति पर 20-20 हजार रुपए जुर्माना लगाया।
इधर, डॉ. दंपती की चार करोड़ की संपत्ति राजसात के आदेश
10 साल पहले भ्रष्टाचार (Ujjain Fake loan on tractor) अनुपातहीन संपत्ति कमाने का लेकर लोकायुक्त ने नागदा सरकारी अस्पताल के डॉ. विनोद लहरी व उनकी पत्नी डॉ. विद्या पर केस दर्ज किया था। शनिवार को इंदौर विशेष न्यायालय ने दंपत्ति की चार करोड़ 11 लाख की संपत्ति राजसात के आदेश दे दिए। हालांकि आरोपी डॉ. लहरी की करीब सात माह पहले मौत हो चुकी है।
उज्जैन लोकायुक्त के अनुसार सर्जन डॉ. लहरी व उनकी पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विद्या नागदा के अस्पताल (Ujjain Fake loan on tractor) में पदस्थ थे। लोकायुक्त ने 10 फरवरी 2012 को छापा माराकर डॉ. दंपती अनुपातहीन संपत्ति को लेकर मामला दर्ज करते हुए कार्यवाही की थी। तलाशी में लाखों की नकदी,बैंक खातों में जमा राशि,प्लाट मकान के साथ करीब 30 जगह पर जमीन खरीदने के प्रमाण मिले थे।
लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने जांच कर विशेष न्यायालय (Ujjain Fake loan on tractor) में चालान पेश कर वर्ष 2013-14 में भ्रष्टों की संपत्ति राजसात करने के कानून बनने पर श्रीवास्तव ने कोर्ट में प्रकरण पेश किया। सुनवाई के दौरान 5 मई 2022 को डॉ. लहरी की मौत हो गई। लेकिन शनिवार को इंदौर के विशेष न्यायधीश गंगाचरण दूबे ने फैसला सुनाया। उन्होंने डॉ. लहरी दंपती 4 करोड़ 11 लाख 13 हजार 5 सौ रुपए की संपत्ति राजसात करने के आदेश दे दिए।
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