Ujjain Farmers ; मूंग, अमरूद, हैदराबादी गुलाब, उड़द और धान की खेती करके उज्जैन के किसानों की अच्छी आमदनी हो रही, जानिए कैसे
उज्जैन के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ अब मूंग, अमरूद, हैदराबादी गुलाब, उड़द और धान की खेती करने लगे हैं। इससे किसानों को फायदा हो रहा है। जिले के कई किसान इस प्रकार की खेती से अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं।
Ujjain Farmers ; प्रमुख रूप से सोयाबीन खरीफ फसल के दौरान सोयाबीन की खेती होती है वही रबी के दौरान गेहूं चने की इसके अतिरिक्त अन्य फसलों के प्रति किसानों का कम ही रुझान है। लेकिन कुछ सालों से अब परंपरागत इन खेती के स्थान पर नई फसलें भी किसान लेने लगे हैं इससे किसानों को लाभ हो रहा है। ऐसे ही लाभ कमाने वाले किसानों के विषय में जानिए
Ujjain farmer ;परम्परागत फसल के स्थान पर नई फसल बोने से किसान लाखनसिंह को मिला लाभ
उज्जैन विकास खण्ड के ग्राम खेमासा निवासी लाखनसिंह प्रगतिशील किसान हैं। पिछले कई सालों से सोयाबीन में लगातार नुकसान होने के कारण उन्होंने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से सम्पर्क कर अपनी कृषि भूमि के एक हेक्टेयर में उड़द की फसल लगाई। स्थानीय ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी श्रीमती रेखा सिंह द्वारा समय-समय पर उनकी उड़द की फसल का अवलोकन किया गया तथा उड़द की प्रताप प्रजाति को बोने के लिये चयन किया गया।
किसान लाखनसिंह द्वारा उक्त प्रजाति के बीज लाकर बीज उपचार ट्राइकोडर्मा विरडी, राइजोबियम कल्चर, पीएसबी फफूंदनाशक औषधी से किया गया। बुवाई के समय अनुशंसित उर्वरक की मात्रा का उपयोग किया गया तथा बीज दर निर्धारित मात्रा में उपयोग की गई।
इससे उड़द फसल का उत्पादन 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का प्राप्त हुआ, जो बाजार मूल्य के हिसाब से 72 हजार एवं सोयाबीन की औसत उपज 15 क्विंटल के मान से अधिक है। इस प्रकार किसान लाखनसिंह को उड़द फसल बोने से 20350 रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ।
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हैराबादी गुलाब की फसल, 2 वर्षों में 4 लाख रुपये की शुद्ध आय प्राप्त की
घट्टिया विकास खण्ड के ग्राम ढाबला रेहवारी निवासी किसान देवीसिंह आंजना पिता रूगनाथसिंह आंजना पहले परम्परागत खेती करते थे, जिससे उन्हें वांछनीय लाभ नहीं मिल पाता था। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में उन्होंने साल 2019-20 में हैदराबादी गुलाब की खेती 1.25 हेक्टेयर रकबे में प्रारम्भ की।
वर्तमान में उनका बगीचा दो वर्ष का है तथा उन्हें सीजन के समय 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो का भाव गुलाब में मिल जाता है। इस प्रकार बीते दो सालों में देवीसिंह को चार लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीक और मार्गदर्शन से यदि खेती की जाये तो यह सिर्फ लाभ का धंधा है।
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प्रगतिशील किसान जितेन्द्र ने कृषि में प्रयोग किया, इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद
Ujjain farmers ; प्रगतिशील कृषक श्री जितेन्द्र ने समय-समय पर कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क कर अपनी मेहनत से और कृषि की नवीन तकनीकी को अपनाते हुए नए आयाम प्राप्त किए हैं। श्री जितेंद्र सिंह ने इस बार अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर धान की खेती करने का निश्चय किया। ये सामान्य रूप से गत 20 वर्षों से प्रचलित सोयाबीन आदि की खेती कर रहे थे।
इस बार इन्होंने बायर कंपनी का धान किस्म 6444 प्रजाति का बीज लेकर खेती की। उन्होंने बताया कि 8 किलो प्रति बीघा से धान का बीज लिया और 100 ग्राम बीज उपचार औषधि से किया, फिर 6 जून को रोपणी डाली और उसके 15 दिन बाद लगभग 25 जून को इन्होंने धान को खेतों में लगाया।
श्री जितेंद्र सिंह बताते हैं कि दलहन फसलों की वजह से इन्हें धान की खेती में बहुत कम उर्वरक देने की आवश्यकता हुई। फिर भी इन्होंने कम उर्वरक के साथ इफको का सागरिका जैविक खाद दिया जिससे इन्हें एक पौधे में लगभग 35 से 40 तक कल्ले मिले। इनका कहना है कि बहुत अच्छी फसल हुई है। इस क्षेत्र में धान नई फसल होने से कीट व्याधि नगण्य रही और लगभग 45 से 50 क्विंटल तक आई।
जितेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने अनुभव किया धान की फसल में बहुत ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती है। सतत गहरी नमी बने रहने से ही धान पैदा हो जाता है। उन्हें लगभग 18 से 20 हजार तक की प्रचलित फसल से अतिरिक्त आमदनी होना संभावित है।
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अमरूद की खेती से 10 लाख रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया
Ujjain farmers ; खाचरोद में रहने वाले किसान श्री कालूराम धाकड़ ने उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में खेत में अमरूद की किस्म वीएनआर के अट्ठारह सौ पौधों का रोपण किया था ।
उल्लेखनीय है कि इस किस्म के पौधे से एक फल का वजन लगभग एक से डेढ़ किलो हुआ है । अमरूद को बाजार में ₹50 किलो तक का अच्छा भाव मिला है। जिससे किसान कालूराम को ₹10 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है । इसके लिए वे उद्यानिकी विभाग का आभार व्यक्त करते हैं।
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मूंग फसल प्रदर्शन लाभ का जरिया बना
ग्राम भैसोदा विकासखंड उज्जैन के कृषक नरेंद्रसिंह पिता इंदरसिंह को कृषि विभाग के द्वारा खरीफ मूंग प्रदर्शन योजना के अंतर्गत मूंग (किस्म विराट) एक हेक्टेयर मैं बोने हेतु निशुल्क: प्रदान की गई। शासन की डीबीटी योजना अंतर्गत नि:शुल्क बीज के साथ-साथ इन्हें बीज उपचार औषधि, पीएसबी कल्चर, एजोटोवेक्टर कल्चर, विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्व, कीटनाशक दवाई आदि भी उपलब्ध कराई गई, जिसके लिए किसान को बिल प्रस्तुत करने पर उसके खाते में नियमानुसार 6200 रुपए का अनुदान दिया गयाl
Ujjain farmers ; उन्नत कृषि उत्पादन कर किसान ने आगामी वर्ष के लिए बीज संधारित करते हुए उपज को बाजार में विक्रय किया जो सामान्य बाजार दर से लगभग ₹58000 में बिक्री हुई एवं भूसा भी ₹5000 में बिका।
कृषक नरेंद्रसिंह के इस कृषि उत्पादक कार्यक्रम से ग्राम एवं आसपास के अन्य कृषक भी प्रभावित हुए हैं एवं इनकी तकनीकी अपनाने का मन बनाए है। कृषक ने कृषि विभाग की कृषक हितेषी योजनाओं का लाभ लिया एवं कृषि विभाग को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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