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वन धन योजना से इनको मिलेगा लाभ, जानें योजना की संपूर्ण जानकारी

वन धन योजना (Van Dhan Yojana 2022) क्या है, इसका उद्देश्य, इसकी विशेषता, इस योजना से किनको लाभ मिलेगा, जानें योजना की जानकारी.

Van Dhan Yojana 2022 | वन धन मिशन गैर-लकड़ी के वन उत्पादन का उपयोग करके जनजातियों के लिए आजीविका के साधन उत्पन्न करने की पहल है। जंगलों से प्राप्त होने वाली संपदा, जो कि वन धन है, का कुल मूल्य दो लाख करोड़ प्रतिवर्ष है। इस पहल से जनजातीय समुदाय के सामूहिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहन मिलता है। वन धन योजना (Van Dhan Yojana 2022) का उद्देश्य परंपरागत ज्ञान और कौशल को सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से और निखारना भी है।

वन धन योजना का परिचय (Van Dhan Yojana 2022)

भारत सरकार ने जनजातीय समुदाय के लोगों को लाभान्वित करने के लिये वन धन विकास योजना (Van Dhan Yojana 2022) की शुरुआत की। इस योजना को प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल 2018 को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जन्‍मदिवस के मौके पर शुरु किया गया था।

प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2018 को बीजापुर में वन धन विकास केंद्र का शुभारंभ करने तथा जन धन, वन धन तथा गोवर्धन योजनाओं को एकजुट करने के आग्रह पर भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने देश के जनजातीय ज़िलों में वन धन विकास का विस्‍तार करने के कार्य पर ध्यान केंद्रित किया है।

योजना (Van Dhan Yojana 2022) के अनुसार, ट्राइफेड(ट्राइबल कोआपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया) गौण वनोत्‍पाद (एमएफपी) आधारित बहुउद्देशीय वन धन विकास केंद्र स्‍थापित करने में मदद करता है। यह 10 स्‍वयं सेवी समूहों (एसएचजी) का केंद्र होता है, जिसमें जनजातीय क्षेत्रों में 30 एमएफपी एकत्रित करने वाले शामिल होते हैं।

वन संपदा समृद्ध जनजातीय जिलों में वन धन विकास केंद्र जनजातीय समुदाय के जरिये संचालित होते हैं। एक केंद्र 10 जनजातीय स्वयं सहायता समूह का गठन करता है। प्रत्येक समूह में 30 जनजातीय संग्रहकर्ता होते हैं। एक केंद्र के जरिये 300 लाभार्थी इस योजना में शामिल होते हैं।

गौण वन उपज (एमएफपी) वन क्षेत्र (Van Dhan Yojana 2022) में रहने वाले जनजातीयों के लिए आजीविका के प्रमुख स्रोत हैं। समाज के इस वर्ग के लिए एमएफपी के महत्व का अनुमान इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि वन में रहने वाले लगभग 100 मिलियन लोग भोजन, आश्रय, औषधि एवं नकदी आय के लिए एमएफपी पर निर्भर करते हैं।

इसका महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से भी मजबूत संबंध है क्योंकि अधिकांश एमएफपी का संग्रहण, उपयोग एवं बिक्री महिलाओं द्वारा की जाती है।

वन धन योजना का उद्देश्‍य (Van Dhan Yojana 2022)

भारत सरकार ने निर्धनता घटाने तथा देश के सबसे निर्धन, पिछड़े जिलों में जनजातीय लोगों विशेष रूप से महिलाओं एवं गरीबों के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वकांक्षी योजना (Van Dhan Yojana 2022) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एवं एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास के जरिए गौण वन उपज के विपणन के लिए तंत्र आरंभ की है।

यह योजना (Van Dhan Yojana 2022) एमएफपी संग्रह करने वालों को उचित मूल्य प्रदान करने, उनके आय के स्तर को बढ़ाने तथा एमएफपी की टिकाऊ खेती सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी।

एमएफपी या अधिक उपयुक्त के रूप में उल्लिखित गैरलकड़ी वनोत्पाद (एनटीएफपी) देश के लगभग 5 करोड़ जनजातीय लोगों की आय और आजीविका का प्राथमिक स्रोत है।

गौरतलब है कि देश में अधिकतर जनजातीय ज़िले वन क्षेत्रों में हैं। जनजातीय समुदाय पारंपरिक प्रक्रियाओं से एनटीएफपी एकत्रित करने और उनके मूल्यवर्धन में पारंगत होते हैं।

इस पहल का उद्देश्‍य प्राथमिक स्‍तर पर एमएफपी में मूल्‍य वृद्धि कर ज़मीनी स्‍तर पर जनजातीय समुदाय को व्‍यवस्थित करना है।

इसके तहत जनजातीय समुदाय के वनोत्‍पाद एकत्रित करने वालों और कारीगरों के आजीविका आधारित विकास को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। (Van Dhan Yojana 2022)

इस पहल के ज़रिये गैर लकड़ी वनोत्‍पाद की मूल्‍य श्रृंखला में जनजातीय लोगों की भागीदारी वर्तमान 20 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत होने की उम्‍मीद है।

यही कारण है कि स्थानीय कौशल और संसाधनों पर आधारित जनजातीय लोगों के विकास का यह आदर्श मॉडल एनटीएफपी केंद्रित होगा।

योजना का प्रस्ताव क्या है? (Van Dhan Yojana 2022)

देश के वन क्षेत्रों के जनजातीय ज़िलों में दो वर्ष में लगभग 3,000 ऐसे वन धन केंद्र स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव किया गया है। 50 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी वाले 39 ज़िलों में प्राथमिकता के आधार पर यह पहल शुरू करने का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके बाद धीरे-धीरे देश के अन्‍य जनजा‍तीय ज़िलों में इनका विस्‍तार किया जाएगा।

इसके साथ-साथ यह भी प्रस्‍ताव किया गया कि वन धन (Van Dhan Yojana 2022) एसएचजी के प्रतिनिधियों से गठित प्रबंधन समिति स्‍थानीय स्‍तर पर केंद्रों का प्रबंधन करेगी।

वन धन पहल के मुख्‍य बिंदु (Van Dhan Yojana 2022)

इकाई स्‍तर पर वनोत्‍पाद एसएचजी द्वारा एकत्रित किये जाते हैं और लगभग 30 सदस्‍यों का वन धन विकास ‘समूह’ होता है। एसएचजी क्षेत्र में उपलब्‍ध काटने और छानने, सजाने, सुखाने और पैक करने जैसे उपकरणों का उपयोग कर प्राथमिक स्‍तर पर एमएफपी का मूल्‍यवर्धन किया जाता है।

वन धन विकास समूह में निहित सुविधाएँ

आवश्‍यक भवन/बुनियादी ढाँचा सुविधा लाभार्थियों में से किसी एक के आवास/आवास के हिस्‍से या सरकारी/ग्राम पंचायत भवन में स्‍थापित किये जाने का प्रावधान। (Van Dhan Yojana 2022)

क्षेत्र में उपलब्‍ध एमएफपी के आधार पर काटने, छानने, सजाने, सूखाने जैसे छोटे औजार/टूल किट।

प्रशिक्षण के लिये कच्‍चे माल के प्रावधान के साथ 30 प्रशिक्षुओं के बैच के लिये पूरी तरह से सुसज्जित प्रशिक्षण सुविधाएँ और ट्रेनी किट (बैग, पैड, पेन, विवरणिका, प्रशिक्षण पुस्तिका, पुस्तिका आदि शामिल) की आपूर्ति।

वित्‍तीय संस्‍थानों, बैंकों, एनएसटीएफडीसी के साथ समझौतों के ज़रिये एसएचजी के लिये कार्यशील पूंजी का प्रावधान किया गया है।

एक ही गाँव में ऐसे 10 एसएचजी के क्लस्‍टर से वन धन विकास केंद्र बनाना। (Van Dhan Yojana 2022)

एक केंद्र में समूह के सफल संचालन के आधार पर अगले चरण में समूह के सदस्‍यों के उपयोग के लिये भवन, गोदाम जैसी सामान्‍य बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ (पक्‍का केंद्र) उपलब्‍ध कराई जा सकती हैं।

इस पहल के अंतर्गत कवर किये जा सकने वाले प्रमुख गौण वनोत्‍पादों (Van Dhan Yojana 2022) की सूची में इमली, महुआ के फूल, महुआ के बीज, पहाड़ी झाड़ू, चिरौंजी, शहद, साल के बीज, साल की पत्तियाँ, बाँस, आम (आमचूर्ण), आँवला (चूरन/कैंडी), तेज़ पट्टा, इलायची, काली मिर्च, हल्दी, सौंठ, दालचीनी, आदि शामिल हैं। इनके अलावा मूल्यवर्धन के लिये संभावित अन्य एमएफपी शामिल किये जा सकते हैं।

वन धन योजना की वर्तमान स्थिति (Van Dhan Yojana 2022)

सरकार जनजातीय मामलों के मंत्रालय की वन धन योजना के तहत देश भर में 30,000 स्वयं सहायता समूह को शामिल करके 3,000 वन धन केंद्रों की स्थापना करेगी।

वन धन योजना (Van Dhan Yojana 2022) के तहत बीजापुर, छत्तीसगढ़ में 30-30 जनजातीय संग्रहकर्ताओं के 10 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया। जनजातीय मामले मंत्रालय वन उपज के मूल्य संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ के बीज़ापुर में अबतक का पहला वन धन विकास केंद्र आरंभ करेगा ।

इसके बाद इन सभी को प्रशिक्षण दिया गया तथा कार्यशील पूंजी प्रदान की गई ताकि वे जंगलों से प्राप्त सामग्री को एकत्र करने के बाद उसे और मूल्यवान बना सकें। ये समूह जिला अधिकारी के नेतृत्व में कार्य करते हैं। ये अपनी वस्तुओं को सिर्फ राज्य में ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर भी बेच सकते हैं। प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता ट्राईफेड द्वारा प्रदान की जाती है। (Van Dhan Yojana 2022)

जनजातीय मामले मंत्रालय ने जनजातीय लोगों के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए वन अधिकार अधिनियम, पीईएसए अधिनियम जैसी कई पहल की है तथा एमएफपी के बाजार विकास के लिए राज्य टीडीसीसी एवं टीआरआईएफईडी को वित्तीय सहायता देने के द्वारा एमएफपी के विकास के लिए कई योजनाओं (Van Dhan Yojana 2022) का कार्यान्वयन कर रही है।

जनजातीय मामले मंत्रालय ने कौशल उन्नयन तथा क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्रदान करने तथा प्राथमिक प्रस्संकरण एवं मूल्य संवर्धन सुविधा केन्द्र की छत्तीसगढ़ राज्य के बीज़ापुर जिले में स्थापना करने के लिए प्रायोगिक आधार पर पहले बहुद्देश्यीय वन धन विकास (Van Dhan Yojana 2022) केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी है।

इस पहले वन धन विकास केन्द्र (Van Dhan Yojana 2022) मॉडल का कार्यान्वयन प्रशिक्षण, प्राथमिक स्तर प्रसंस्करण के लिए उपकरणों तथा औजार उपलब्ध कराने और केन्द्र की स्थापना के लिए बुनियादी ढांचे तथा भवन के निर्माण के लिए 43.38 लाख रुपये के कुल परिव्यय के साथ 300 लाभार्थियों के प्रशिक्षण हेतु किया जा रहा है। आरंभ में इस केन्द्र में टेमारिंड ईंट निर्माण, महुआ फूल भंडारण केन्द्र तथा चिंरोजी को साफ करने एवं पैकेजिंग के लिए प्रसंस्करण सुविधा होगी।

वन धन विकास केन्द्र एमएफपी के संग्रह में शामिल जनजातीयों के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होंगे जो उन्हें प्राकृतिक संसाधनों का ईष्टतम उपयोग करने और एमएफपी समृद्ध जिलों में टिकाऊ एमएफपी आधारित आजीविका उपयोग करने में उनकी सहायता करेंगे। (Van Dhan Yojana 2022)

वन धन विकास केंद्र शुरू करने का उद्देश्य

इस योजना (Van Dhan Yojana 2022) को लागू करने के पीछे भारत सरकार व जनजातीय मंत्रालय की मंशा स्‍पष्‍ट है। आदिवासी कार्य मंत्रालय देश के आदिवासी समुदाय की दशा और दिशा हर हाल में सुधारना चाहता है।

इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए ही वन धन विकास केंद्रों की स्‍थापना शुरू हो गई है। इस योजना का मकसद आदिवासी क्षेत्रों का विकास करना है।

योजना के तहत (Van Dhan Yojana 2022) जंगलों में सीमित मात्रा में मिलने वाले खाद्ध पदार्थों को जमा करना और उनको बेहतर ढंग से इस्‍तेमाल करना सिखाया जाएगा।

जंगलों से सीमित मात्रा में मिलने वाले उत्‍पाद कुछ खास समय के दौरान ही प्राप्‍त होतें हैं। ऐसे में विपरीत मौसम में आदिवासी समुदाय को अपनी आजीविका चलाने और जीवन यापन करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिये वन धन विकास केंद्रों (Van Dhan Yojana 2022) के माध्‍यम से जंगलों से एकत्र की गई सामग्री को स्‍टोर करना व उनको प्रस्‍संकृत करके सुरक्षित रखा जाता है। ताकि प्रतिकूल मौसम व परिस्थितियों के हिसाब से उन वस्‍तुओं का उचित उपयोग किया जा सके।

जनजातीय समूहों को जंगलों से मिलने वाली इस सामग्री से अपनी आय का 20-40% हिस्‍सा प्राप्‍त कर लेतें हैं। लेकिन इस सामग्री को जंगलों से इक्‍ठठा करने के दौरान वह अपना बहुत सारा कीमती समय बेकार में ही गवां देते हैं। इसलिये वन धन केंद्र योजना(Van Dhan Yojana 2022) के तहत ऐसी व्‍यवस्‍था करने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे आदिवासी लोग समय का उचित प्रबंधन भी कर सकें।

जंगल आधारित उत्‍पादों से आदिवासी समूहों को काम उपलब्‍ध करना, जिससे वह वर्ष भर काम में व्‍यस्‍त रहें। साथ ही जनजातीय समूह की महिला को भी आर्थिक तौर पर सक्षम बनाना। जिससे वह अपने परिवारों को सुरक्षा प्रदान कर सकें। (Van Dhan Yojana 2022)

जंगल देश के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन है और जिन जिलों में जनजातीय लोग निवास करते हैं, उन जिलों में जंगल मौजूद होते हैं। इस लिये ट्राईफेड गैर लकड़ी वन्‍य उत्‍पादों के एवज में आदिवासी समाज को उचित मूल्‍य मूल्‍य उपलब्‍ध कराएगा।

योजना की विशेषताएं (Van Dhan Yojana 2022)

  • ईकाई स्‍तर पर स्वयं सहायता समूह के 30 सदस्‍यीय समूह के द्धारा उत्‍पादन को एकत्र किया जाएगा।
  • वन धन केंद्र वन्‍य उत्‍पादों का संरक्षण करेंगें। जंगलों में मिलने वाली दुर्लभ व सामान्‍य जड़ी बूटियों का ठीक प्रकार से सरंक्षण व विपणन करना।
  • वन धन विकास केंद्रों‌ (Van Dhan Yojana 2022) पर सिलाई उपकरण, उत्‍पादों को सुखाने वाले उपकरण, छोटी कटिंग मशीन आदि की भी व्‍यवस्‍था की जाएगी।
  • उपरोक्‍त मशीनों व उपकरणों के इस्‍तेमाल से वन्‍य उत्‍पादों को बेहतर समर्थन मूल्‍य उपलब्‍ध कराया जाएगा।
  • प्रत्‍येक वन धन केंद्र (Van Dhan Yojana 2022) के पास सरकारी अथवा पंचायत स्‍तर पर एक भवन अवश्‍य होगा।
  • मशीनों के इस्‍तेमाल से वन्‍य उत्‍पादों को सुखा कर व उनकी पैकेजिंग करके उनके मूल्‍य में उचित वृद्धि की जाएगी ताकि आदिवासी समाज को उनकी वस्‍तुओं का उचित मूल्‍य प्राप्‍त हो सके।
  • वन धन विकास केंद्रों पर प्रशिक्षण पाने वाले 30 सदस्‍यीय समूह के लिये कच्‍चा माल, ट्रेनिंग किट, ट्रेनिंग बुक, कलम आदि सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगीं।
  • वन धन विकास केंद्रों (Van Dhan Yojana 2022) पर स्वयं सहायता समूह के लिये कार्यशील पूंजी का प्रबंध बैंकों तथा एनएसटीएफडीसी के द्धारा किया जाएगा।
  • एक ही गांव में वन धन विकास (Van Dhan Yojana 2022) केंद्र ऐसे 10 स्वयं सहायता समूह बनाएगा जो सफलता पूर्वक वन धन केंद्रों को का संचालन करेंगें। प्रत्‍येक समूहों की सफलता को देखते हुए इन केंद्रों पर भवन और गोदाम आदि को पक्‍का कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

योजना (Van Dhan Yojana 2022) के तहत न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के दायरे में महुआ फूल, महुआ के बीज, लाख के बीज, साल के बीज, साल की पत्तियां, पहाड़ी झाड़ू, इमली, बांस, चिरौंजी, शहद, आम, आंवला, तेजपत्‍ता, इलायची काली मिर्च, हल्‍दी, सूखा हुआ अदरक, दालचीनी, चाय, कॉफी के बीज आदि को लाया गया है। साथ ही इसके अतिरिक्‍त कुछ और चीजों को इस सूची में शामिल किया जा सकता है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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