कृषि समाचार

निर्यात पर पाबंदी है, सरकार अन्य देशों को गेहूं भेज भी रही है, जानिए क्या है पूरा माजरा

गेहूं के निर्यात पर पाबंदी के बाद बावजूद सरकार अन्य देशों को गेहूं भेज (Gehu Niryat ki Taja khabar) रही है, इस पूरे मामले को समझिए।

Wheat export 2022 : गेहूं निर्यात पर केंद्र सरकार ने 13 मई से अनिश्चितकालीन पाबंदी लगाई हुई है, वहीं हाल ही में केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा निर्यात पर लगाई गई पाबंदी हटाने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। इधर एक बात ओर उभर कर सामने आ रही है कि निर्यात पर पाबंदी होने के पश्चात भी केंद्र सरकार अन्य देशों को गेहूं की सप्लाई कर रही है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह क्या है? निर्यात पर पाबंदी होने के पश्चात भी किस प्रकार से गेहूं निर्यात हो रहा है, पूरा माजरा क्या है जानिए एवं यह भी समझिए कि केंद्र सरकार ने आखिर निर्यात पर पाबंदी क्यों लगाई?

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गेहूं के निर्यात पर रोक क्यों लगाई?(Wheat export 2022)

रूस यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की किल्लत खड़ी हुई खाद्यान्न संकट को देखते हुए एवं भारत में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता के चलते भारत सरकार एवं राज्यों की सरकारों में गेहूं निर्यात को लेकर व्यापारियों एवं निर्यातकों को राहत प्रदान की निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार भी खोजे गए लेकिन अचानक गेहूं की बढ़ती कीमतों के कारण निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।

केंद्र सरकार ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर काबू करना प्रमुख सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। हालांकि भले ही निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर सरकार ने यह तर्क दिया किंतु हकीकत यह थी कि सरकार एमएसपी और खरीदे गेहूं को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करना चाह रही थी। डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के मुताबिक यह नहीं हो सकता। इसीलिए सरकार ने नियमों में ढील दिए जाने की मांग करके प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने यह तर्क दिया कि जरूरतमंद देशों को निर्यात में सरकारी स्तर पर छूट दी जाएगी।

सरकार का गेहूं एवं आटे के दाम को लेकर यह दावा

इधर, खाद्य मंत्रालय के सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा है कि गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने के सकारात्मक परिणाम आए हैं। घरेलू बाजार में गेहूं और आटे के दाम कम हुए हैं। पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का असर दिखने लगा है। आवश्यक जरूरत की चीजों की कीमतों में कमी का रुझान है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में कीमत और कम होगी। इसका फायदा आम लोगों को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि गेहूं दो और आटा तीन रुपये प्रति किलो तक सस्ता हुआ है।

निर्यात की कमान सरकार ने अपने हाथ में ली

शुरुआत के दौरान केंद्र एवं राज्य सरकारों ने निर्यात की छूट दी थी उस लेकिन निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के पश्चात निर्यात की कमान सरकार ने अपने हाथों में ले ली है सरकार अपने स्तर पर निर्यात की अनुमति प्रदान कर रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने सर्वप्रथम बांग्लादेश, मिस्र एवं श्रीलंका को गेहूं निर्यात की परमिशन दी। वहीं गेहूं निर्यात को लेकर नियम कड़े कर दिए गए यदि कोई सरकार की निगरानी के बिना ही गेहूं का निर्यात करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

सरकार ने गठित की समिति

गेहूं के निर्यात पर पाबंदी के बावजूद सरकार कुछ देशों को गेहूं निर्यात करने की इजाजत दे सकती है। क्योंकि, कई देशों ने सरकार से गेहूं को लेकर विशेष अनुरोध किया है। इनपर विचार करने के लिए सरकार ने खाद्य मंत्रालय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो गेहूं खरीदने के अनुरोधों पर गौर कर जल्द कोई निर्णय लेगी। इस बीच, सरकार ने दावा किया है कि गेहूं निर्यात पर पाबंदी से घरेलू बाजार में गेहूं और आटे की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है।

गेहूं वापस लौटाने पर तुर्की से मांगा स्पष्टीकरण

Wheat export 2022 : सरकार ने गुणवत्ता की वजह से तुर्की द्वारा भारतीय गेहूं की खेप को खारिज किए जाने को लेकर तुर्की के अधिकारियों से विवरण मांगा है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा है कि इस मामले में तुर्की से विवरण मांगा गया है। क्योंकि, निर्यातक आईटीसी लिमिटेड ने दावा किया है कि 60 हजार टन की खेप के लिए सभी आवश्यक मंजूरी थी। उन्होंने कहा कि प्रमुख गेहूं निर्यातक आईटीसी ने सरकार को इस बारे में सूचित किया है।

आईटीसी का कहना है कि उसने जिनेवा स्थित एक कंपनी को गेहूं बेचा था। इस कंपनी ने उसे तुर्की की एक फर्म को बेच दिया। इसके लिए सभी वित्तीय लेनदेन भी पूरे हो चुके हैं। सुधांशु पांडेय ने कहा कि आईटीसी ने बताया है कि उसके पास तमाम आवश्यक मंजूरी थी। इस मामले में कृषि विभाग और कृषि-निर्यात संवर्धन निकाय (एपीडा) तुर्की के अधिकारियों के साथ बात कर रहा है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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