कृषि समाचार

इंदौर मंडी में लोकवन, पूर्णा, पोषक व मिल क्वालिटी गेहूं के दामों में मजबूती की उम्मीद, ताजा भाव जानें

इंदौर मंडी में गेहूं के दाम में तेजी आने की संभावना व्यापारी जता रहे हैं। जानिए इंदौर मंडी में गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) की विभिन्न वैरायटीयों के दाम के रेट क्या है।

Wheat rate in Indore Mandi | गेहूं के निर्यात पर मई माह में प्रतिबंध लगा था, इसके पश्चात अब फिर से गेहूं उत्पादों के निर्यात पर भी प्रतिबंध लग चुका है। इसके बावजूद इंदौर मंडी में गेहूं की आवक कम होने के चलते एवं मांग अधिक होने के कारण गेहूं के दामों में तेजी आने की संभावना अधिक बनी हुई है। आगामी एक-दो सप्ताह के दौरान गेहूं के भाव मंडी में चमकेंगे। इंदौर मंडी में लोक वन, पूर्णा, पोषक और मील क्वालिटी गेहूं के दाम में तेजी आने की पूरी संभावना व्यापारी वर्ग जता रहा है।

किसानों के पास गेहूं का स्टॉक नहीं है

पिछले सीजन में कुल 433.44 लाख टन गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) की सरकारी खरीद हुई थी। इस सीजन में किसानों को निजी क्षेत्र यानी प्राइवेट में गेहूं बेचना ज्यादा मुफीद लगा क्योंकि वहां उन्हें एमएसपी से ज्यादा कीमतें मिल रही थी। निर्यात को लेकर उस समय सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों के कारण गेहूं का भरपूर निर्यात हुआ। इस अवधि में किसानों ने लगभग अपना अधिकांश गेहूं खुले बाजार व मंडियों में ऊंचे दाम पर बेच दिया था।

इधर निर्यात को लेकर चल रही अच्छी स्थिति के कारण उस दौरान व्यापारियों ने भी ऊंचे दाम पर गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) की खरीदी करते हुए स्टॉक कर लिया था। ऐसे में अब किसानों के पास गेहूं स्टॉक नहीं है, अधिकांश गेहूं व्यापारियों के पास स्टॉक है। व्यापारी बाजार की अस्थिरता के कारण स्टॉक किए हुए गेहूं को निकाल नहीं पा रहा है।

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सरकारी खरीदी 57 फ़ीसदी कम हुई

केंद्रीय पूल में कम स्टाक की वजह इस वर्ष रबी सीजन के दौरान गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) की सरकारी खरीद में भारी कमी आई है। 31 जुलाई तक देश में कुल 187.94 लाख टन गेहूं की खरीद हुई जो पिछले सीजन की तुलना में तकरीबन 57 फीसद कम है। ज्ञात हो कि गत वर्ष मार्च और अप्रैल में लू चलने की वजह से गेहूं के उत्पादन में भी कमी आई थी।

इस तरह से कम उत्पादन भी खरीद में कमी के लिए जिम्मेदार रही। सरकार के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार पिछले साल के 109 लाख टन की तुलना में उत्पादन इस साल 106.41 मिलियन टन रह सकता है। इंदौर मंडी में शनिवार को गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) मिल क्वालिटी 2350 से 2450 लोकवन एवं 147-2550 से 2600 रुपए, पूर्णा 2500 से 2550 मालवराज 2200 से 2225 रुपए।

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गेहूं के रेट में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है

पिछले रबी सीजन में समय से पूर्व गर्मी पड़ने से उत्पादन प्रभावित हुआ है। यह भी सही है कि बिना किसी ठोस होम वर्ष के गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) का निर्यात खोल दिया गया और 13 मई से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया था। इस प्रक्रिया में हजारों व्यापारियों को घाटा हुआ था। जिसे राज्य एवं केंद्र सरकार ने नजर अंदाज कर दिया।

मई में निर्यात बंद करने के बाद तत्काल कीमतें घटने के बाद फिर से बढ़ना शुरू हो चुकी थी, लेकिन इसके तकरीबन एक 2 महीने के बाद ही फिर से आटा मैदा एवं गेहूं से बने उत्पाद पर निर्यात पर प्रतिबंध लगते ही भाव कम हो गए। उधर कृषि उपज मंडियों में अब आवक कमजोर पड़ती जा रही है। आटा-मैदा के निर्यात पर फिर से नई शर्त लगा देने से बाजार में घबराहट फैल गई है। इंदौर मंडी में गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) की आवक सीमित रह गई है।

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त्योहारों पर मांग में वृद्धि के साथ भाव बढ़ने के आसार

आटा-मैदा मिलों ने 25 से 50 रुपए घटा दिए। मैदा मिलों के पास गेहूं का स्टॉक है। वे तेजी में है। आगामी 1-2 माह तक ग्राहकी सुस्त रहने से गेहूं में मांग कम रहेगी, किंतु त्योहारों पर मांग में वृद्धि होगी और बाजार में गेहूं (Wheat rate in Indore Mandi) की शार्टेज की स्थिति बन सकती है।

नई फसल के पूर्व तेजी को रोकने के लिए सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है। गेहूं में बड़ी तेजी आने पर सत्तारूढ़ दल को सर्वाधिक आलोचना का शिकार होना पड़ सकता है। समिति जिस तरह से निर्यात की अनुमति दे रही है, हो सकता है, उसका अनुमान बाजार से अधिक पक्का हो और निर्यात (Wheat rate in Indore Mandi) करने के बाद भी तेजी नहीं आएगी।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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