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MP भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर संभाग में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी, कब तक रहेगी यह स्थिति जानें

मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के 4 संभाग के लिए बारिश अति भारी बारिश की चेतावनी (Whether Alert) जारी की है, प्रदेश में बारिश की यह स्थिति कब तक रहेगी जानिए।

Whether Alert | मध्यप्रदेश में शनिवार रविवार से शुरू हुआ बारिश का दौर सोमवार को भी दिनभर के लिए चला। प्रदेश में भारी बारिश के बीच मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में उज्जैन संभाग और राजगढ़ जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां अति भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में बारिश की यह स्थिति कब तक रहेगी कब से लोगों को बारिश से राहत मिलेगी जानिए।

यहां भारी बारिश का अलर्ट(Whether Alert)

मौसम विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर संभाग और भोपाल संभाग के कुछ जिलों के अलावा रायसेन, भोपाल, सीहोर में भी अति भारी बारिश होगी। चंबल, सागर और जबलपुर संभाग में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

बारिश का पिछले 24 घंटे का हाल यह रहा

मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे से बारिश (Whether Alert) हो रही है। इस दौरान भोपाल सबसे ज्यादा 7.5 इंच बारिश हो चुकी है। सागर में 6.8 इंच, जबलपुर में 6.2 इंच बारिश हो चुकी है। भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, शिवपुरी समेत कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है।

उधर, सुकतवा नदी के उफान पर आने से औबेदुल्लागंज-बैतूल नेशनल हाईवे सुबह 4 बजे से बंद है। अशोकनगर में कार समेत 5 लोग बह गए। इनमें से एक की मौत हो गई। विदिशा की लटेरी तहसील के इस्लामनगर में स्टॉप डैम फूट गया। इससे दर्जनभर से ज्यादा गांवों की फसलें डूब गईं। स्टॉप डैम एक साल पहले ही बना था। उधर, अनूपपुर में लैंड स्लाइड के कारण मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (Whether Alert) का संपर्क टूट गया है।

सीएम ने कलेक्टरों को अलर्ट रहने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएस, एसीएस राजौरा के साथ बैठक कर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश (Whether Alert) को लेकर चर्चा की। सीएम ने सभी कलेक्टरों को बारिश और बाढ़ को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा- स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन नर्मदा, बेतवा बेसिन के जिलों को अलर्ट पर रहने की जरूरत हैं।

इस कारण प्रदेश में हो रही है भारी बारिश

मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश के मुताबिक मध्य प्रदेश में इस घनघोर बारिश (Whether Alert) की वजह डीप डिप्रेशन है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार डीप डिप्रेशन के दौरान साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी चक्रवाती घेरे के चलते हवाएं संगठित होकर ऊपर की ओर बढ़ती हैं। इसे ही डीप डिप्रेशन कहते हैं।

इससे कुछ इलाकों में हवा का दबाव कम हो जाता है। जिन क्षेत्रों में ये लो प्रेशर एरिया बनता है, वहां भारी बारिश होती है। यही स्थिति मध्यप्रदेश (Whether Alert) में बनी है इसी कारण प्रदेश में जोरदार बारिश हो रही है।

बंगाल की खाड़ी से मध्य प्रदेश पहुंचा डीप डिप्रेशन

18 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में लो प्रेशर एरिया बना, फिर ये डीप डिप्रेशन में बदल गया। इसके बाद झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के रास्ते पूर्व की ओर से मध्य प्रदेश (Whether Alert) में प्रवेश किया। यानी रीवा संभाग के आसपास। इसके चलते रीवा, शहडोल, जबलपुर और सागर संभाग में भारी से अति भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

इसके बाद ये डीप डिप्रेशन पश्चिम दिशा की तरफ यानी सागर की ओर से भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर और उज्जैन संभाग पहुंचा। जहां अति भारी और कहीं पर अत्यधिक भारी जैसे 200 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है। रायगढ़ और गुना में सबसे ज्यादा और भोपाल में 190 मिलीमीटर बारिश (Whether Alert) हुई है।

मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि भोपाल में जिन बादलों ने बारिश कराई, वे जमीन से सिर्फ 90 मी. ऊंचाई पर बने थे। यह इस सीजन में बादलों की सबसे कम ऊंचाई है। बारिश (Whether Alert) के दौरान न केवल 52 किमी प्रति घंटे की हवा चली, बल्कि विजिबिलिटी सिर्फ 800 मीटर रह गई थी।

आम तौर पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन या ऊपरी हवा के चक्रवात के चलते लो प्रेशर एरिया जैसे सिस्टम बंगाल की खाड़ी में बनते हैं। फिर ये झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के रास्ते पूर्व की ओर से मध्य प्रदेश (Whether Alert) में प्रवेश करते हैं।

जब समुद्र में डिप्रेशन की स्थिति बनती है तो अधिकतम 20 से 31 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। डीप डिप्रेशन में हवाओं की रफ्तार 32 से 38 मील प्रति घंटा और चक्रवातीय तूफान में ये रफ्तार 54 मील प्रति घंटे की हो सकती है।

आगे क्या स्थिति रहेगी? कब तक थमेगी बारिश जानिए

मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह कहते हैं कि डीप डिप्रेशन का असर अभी भी काफी स्ट्रांग है। सिस्टम का असर मंगलवार यानी 23 अगस्त की सुबह तक बना रहेगा। अभी इसकी दिशा उत्तर-पश्चिम की तरफ है, यानी अब यह गुना की तरफ बढ़ेगा। हालांकि सोमवार शाम से इसका असर पूर्वी मध्य प्रदेश में कम हो जाएगा। रीवा, शहडाेल और जबलपुर में इसका असर सोमवार शाम तक लगभग-लगभग खत्म हो जाएगा।

वहीं सोमवार को भोपाल में दिन-रात, होशंगाबाद-उज्जैन और लगे हुए ग्वालियर संभाग के हिस्से जैसे गुना, शिवपुरी में अति बारिश (Whether Alert) होने की आशंका है। साथ ही भोपाल और उज्जैन के कुछ जिलों जैसे राजगढ़, उज्जैन, शाजापुर, देवास, विदिशा और सीहोर में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। यानी यहां पर भी तेज बारिश का दौर जारी रहेगा।

मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि भोपाल में राहत मंगलवार सुबह के बाद से ही मिलेगी। सिस्टम जैसे ही ऊपर की ओर जाएगा, यहां पर बारिश की इंटेंसिटी देर शाम से घटेगी। इसके बावजूद बारिश का दौर जारी रहेगा।

भोपाल में मंगलवार सुबह तक अति भारी बारिश की आशंका बनी रहेगी। मंगलवार सुबह के बाद से पूरे मध्य प्रदेश में बारिश (Whether Alert) की गतिविधि घटने लगेगी। मंगलवार को केवल ग्वालियर, चंबल, उज्जैन या भोपाल संभाग के कुछ जिलों में मध्यम से भारी बारिश की आशंका रहेगी। इसके बाद मध्य प्रदेश में बारिश का दौर थम जाएगा।

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उज्जैन, इंदौर एवं भोपाल सहित इन इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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